रिपोर्ट:- मनीष टांक/इंद्राज योगी
नीमकाथाना। युवा जागृति संस्थान द्वारा आयोजित 16 वें दुर्गा पूजा महोत्सव के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई। साज सज्जा करने वाले राजू शर्मा ने मां का रंग बिरंगे गुब्बारों से भव्य दरबार सजाया। पंडित सुरेंद्र शास्त्री ने बताया कि मां कात्यायनी को देवी दुर्गा का छठा रूप माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी कात्यायनी को ऋषि की पुत्री होने के कारण कात्यायनी नाम मिला था। देवी दुर्गा के इस रूप को लेकर कहा जाता है कि जो भी भक्त नवरात्रि के छठे दिन मां की सच्चे मन से विधि-विधान के साथ आराधना करता है। मां स्वयं उस भक्त के सभी रोग-दोष दूर कर उसे सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।
कौन है मां कात्यायनी
इनकी चार भुजाओं में अस्त्र, शस्त्र और कमल है, इनका वाहन सिंह है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है, योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है। ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाता है।
स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी
संस्था अध्यक्ष रावत सिंह राणा ने बताया कि रात्रि महा आरती के बाद रात्रिकालीन कार्यक्रम में भारतीय विद्या आश्रम व विद्या भारती के स्कूली बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वहीं बाहर से आए कलाकर दीपक ने राजस्थानी गीतों पर प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं का उत्साहित किया। साथ ही स्थानीय कलाकार मुकेश द्वारा भी कार्यक्रम दिया। नाटक के माध्यम से कोरोना में किस कदर आमजन प्रभावित हुए उसके महत्व को दिखाया।