रिपोर्ट:- मनीष टांक/इंद्राज योगी
नीमकाथाना। युवा जागृति संस्थान द्वारा आयोजित 16 वें दुर्गा पूजा महोत्सव के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। पंडित सुरेंद्र शास्त्री ने बताया कि मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लेना पड़ा था। देवी कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है।
इनके श्वास से आग निकलती है। मां के बाल बड़े और बिखरे हुए हैं। गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती रहती है। मां के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं। मां के चार हाथ हैं, जिनमें एक हाथ में खडग अर्थात तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरे हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा वरमुद्रा में है।
आंखों का शिविर लगा
संस्था अध्यक्ष रावत सिंह राणा ने बताया कि सुबह की आरती के बाद 11 बजे से 2 बजे तक शिव शक्ति आई हॉस्पिटल द्वारा निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। जिसमें अन्य राज्यों के लोग भी शिविर में लाभांवित हुए। शिविर में डॉ अभिषेक अग्रवाल सहित स्टॉफ ने सेवाएं दी।
रूकमणी व मां काली सहित हनुमान के कार्यक्रम हुए आयोजित
सदस्य संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि रात्रि महा आरती के बाद रात्रिकालीन कार्यक्रम में दिल्ली से चिराग ग्रुप ने भव्य कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को उत्साहित किया। जिसमें रुकमणी, हनुमान, मां काली सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजित हुए। इस दौरान भक्तों ने खूब सराहा।