नीमकाथाना। स्वास्थ्य मार्गदर्शकों ने अस्पताल पीएमओ डॉ सुमित गर्ग को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य मार्गदर्शक जयराम सैनी ने बताया कि 2015 से निरंतर रूप से जनहित योजना भामाशाह और चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सेवा दे रहे है। जिसमें मात्र 7 से 8 हजार में गुजारा करना पड़ रहा है।
सरकारी अस्पताल में पद भी इंसोरेंस कंपनी और अस्पताल के मध्य में एक कड़ी के रूप में है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों का क्लेम पास करवाने का कार्य करते है। जिनके आधार पर
राजकीय अस्पतालों में चिरंजीवी योजना सफल हो रही हैं। सरकार द्वारा विभिन्न मांगो नहीं मानने पर 24 अप्रैल 2023 को सम्पूर्ण राजस्थान के सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल
कॉलेजों में एक दिवसीय चिरंजीवी का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। अगर मांगे नहीं मानी जाती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान हितेश कुमार, प्रदीप, भवानी शंकर प्रियंका चोल्डा आदि मौजूद रहे।
यह हैं प्रमुख मांगे
1. चिरंजीवी योजना अंतर्गत कार्यरत समस्त स्वास्थ्य मार्गदर्शकों को संविन्दा रूल्स 2022 में शामिल किया जाएं।
2. सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत स्वास्थ्य मार्गदर्शकों को भर्ती प्रक्रिया से (राजस्थान स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी) जयपुर के अधीन किया जाएं।
3. वेतन वृद्धि 15000 से 18000 के बीच किया जाएं साथ में प्रति मरीज 50 रु इन्सेन्टिव दिया जाए।