नीमकाथाना। मानसून मौसम में आंखों की समस्या बढ़ने लगी है। दरअसल, इस समस्या को कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। नीमकाथाना जिला अस्पताल हो या प्राइवेट अस्पताल दोनों की ओपीडी में आई फ्लू मरीजों की भारी भीड़ है। अस्पताल में ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 35 प्रतिशत आंखों से संक्रमित आ रहे हैं।
प्रतिदिन 150 से ज्यादा की ओपीडी
नीमकाथाना जिला अस्पताल की ओपीडी में 150 से ज्यादा मरीज आई फ्लू संक्रमित आ रहे हैं। शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी आई फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। घर का एक सदस्य संक्रमित हुआ उसके बाद संपर्क में आकर पूरा परिवार आई फ्लू का शिकार हो रहे हैं। नीमकाथाना जिला अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है।नेत्र रोग की ओपीडी में करीब 150 से ज्यादा मरीज हर रोज पहुंच रहे हैं।
आई फ्लू संक्रमित बीमारी: पीएमओ
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ सुमित गर्ग ने बताया कि 20 जुलाई से आंख के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। गर्मी और उमस ज्यादा होने से वायरल के साथ ही आई फ्लू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। आई फ्लू एक संक्रमित बीमारी है।
डॉक्टर भी आ रहे चपेट में
आई फ्लू की स्थिति कुछ ऐसी है कि नेत्र रोग के डॉक्टर भी इस रोग के चपेट में आ गए हैं, इस बीमारी को ठीक होने में 1 से 2 सप्ताह का वक्त लग रहा है। मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते सर्दी जुकाम और खांसी के पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद जो संक्रमण हवा में फेल रहा है, उसके चलते आई फ्लू के मामले भी बढ़ रहे हैं।
आई फ्लू के लक्षण
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा जांगिड़ ने बताया कि आई फ्लू होने पर मरीज की आंख चुंबन होती हैं, पलको में सूजन आती हैं, दर्द, लाल होना, बार-बार कीचड़ आना और पलकों का चिपकना जैसी स्थिति ही आई फ्लू के लक्षण हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी है।
आई फ्लू के बचाव
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ कंचन गुप्ता ने बताया कि आई फ्लू के बचाव के छह उपाय हैं जिससे संक्रमित होने से बच सकते हैं।
• आई फ्लू से पीड़ित मरीज के संपर्क में आने से बचें।
•मौसमी बीमारियों से पीड़ित खासकर सर्दी जुकाम खांसी और बुखार से पीड़ित मरीज के उपयोग किए गए कपड़े बर्तन कोई भी वस्तु का उपयोग ना करें।
•घर से बाहर निकले तो आंखों पर धूप के चश्में का उपयोग करें।
•किसी भी सामान को छूने के बाद हाथ साबुन से साफ करें या फिर सैनिटाइज करें।
•आपस में रुमाल तोलिया आदि चीजों को शेयर ना करें हाथ ना मिलाएं।
•धूल, केमिकल और तेज धूप से बचें, स्विमिंग भी ना करें।