स्पेशल कवर स्टोरी सचिन खरवास
नीमकाथाना: इंसान का हुनर उम्र और पैसों का मौहताज नहीं होता, बस उस सटीक समय के तकाजे की जरूरत होती है जिसमें इसे और भी तराशा जा सकता है। आज हम बात कर रहे हैं नीमकाथाना जिले से 8 किमी दूर छोटे से गांव मांकडी में रहने वाली आर्टिस्ट अंजली कंवर की।
जिसने कोरोना काल के फ्री समय का सदुपयोग करते हुए स्वयं की कला को ऐसा तराशा की आज उसके चर्चे आस पास के गावों में हैं। केवल एक कच्ची पेंसल से सादा पेपर पर अपनी अंगुलियों की जादूगरी से ऐसी चित्रकारी की उन्हें देख कर हर कोई दंग रह जाता है।
कोरोना काल में बनाए, जनजागरुकता वाले सलोगन
साधारण से परिवार में रहने वाली अंजली कवर के अंदर छुपा आर्टिस्ट तब बाहर आया जब उसने कोरोना के समय में जन जागरूकता के लिए अपने हाथों से स्लोगल बना कर लोगों के बीच पहुंचाना शुरू किया। सुरक्षा और कोरोना से बचाव के संदेश देते चित्र बना दीवारों पर चस्पा करने शुरू किए।
लोगों को उनके संदेश बेहद अच्छे लगे, तब अंजली ने अपने इस कार्य को आगे बढ़ाया और साधा पेपर पर अच्छे अच्छे पोर्ट्रेट उकेरने लगी।
पापा करते हैं किसानी, बेटी के हुनर को पहचान कर किया सपोर्ट
अंजली के पिता भवानी सिंह बताते हैं, कि उनकी बेटी ने सेकेंड्री के बाद सीधे आईटीआई में प्रवेश लिया है। ड्राइंग सब्जेक्ट नहीं होने के बाद भी वह अच्छे अच्छे चित्र बना लेती है। एक बार वह हमारी शादी की सालगिरह पर हमारा एक यादगार पोर्ट्रेट बनाया। उसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के इस हुनर को पहचाना। अंजली दिन में मिलने वाले समय का अधिकतर हिस्सा पेंटिग बनाने में ही गुजारती है।
सीखने में यूट्यूब से मिली मदद
इंटरनेट के जमाने में इसका उचित उपयोग किया जाए तो यह गुरुजन का अक्स बनकर भविष्य संवारने में भी मददगार साबित हो सकता है। घर में भाई के पास ड्राइंग की सामग्री उपलब्ध होने से उन्हीं को काम में लेकर तस्वीरों की शुरुआत की। अंजली को शुरुआती समय में कई परेशानियां आई तो यूट्यूब का सहारा लिया। आर्टिस्ट व ब्लॉगर सौरभ जोशी के चैनल से उन्हें काफी मदद मिली। पेंटिग में काम आने वाली सभी उपकरणों के बारे में बारीकी से जाना बाद में अपनी बचत से उन्हें खरीद कर धीरे धीरे अपनी मेहनत को संवारने लगी।
पीएम मोदी की पेंटिंग में लगा अधिक समय
अंजली ने राजस्थानी कल्चर, हिंदू देवी देवताओं, बॉलीवुड के चर्चित चेहरों के साथ, राजनीति में पहचान रखने वाले प्रमुख नेताओं का पोट्रेट बनाया जिनमे सबसे अधिक समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मां के पोर्ट्रेट में लगा। उन्हें इस मुंह बोलती तस्वीर को बनाने में 20 दिन से अधिक समय लगा। उन्होंने राजस्थान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी पेंटिंग बनाई।
सीकर में लगने वाली प्रदर्शनी के लिए किया अप्लाई
अंजली बताती है, कि लोगों से उनकी पेंटिंग के अच्छे फीडबैक मिलने पर उनका हौसला बढ़ा है। उन्होंने इस बार सीकर में लगने वाली प्रदर्शनी में अपनी पेंटिंग सबमिट की हैं। उन्हें उम्मीद हैं कि उनकी बनाई हुई पेंटिंग प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शित होंगी।
मेहनत की पहली कमाई मात्र 500 रुपए
अंजली ने ओटीटीटी प्लेटफॉर्म इंस्टा पर अपनी बनाई हुई कुछ पेंटिंग्स पोस्ट की। उन्हें देखकर पंजाब से तस्वीर बनाने का आर्डर आया। यह उनकी 500 रुपयों की पहली कमाई थी। अंजली चाहती हैं कि उनके गांव व माता पिता का नाम रोशन हो। अपनी इस कला को वह राष्ट्रीय स्तर तक लेकर जाना चाहती हैं, जिसके लिए दिन रात मेहनत कर रही है।