नीमकाथाना। हिट एंड रन कानून में किए गए संशोधन को लेकर लोगों में रोष के साथ ही भ्रम की भी स्थिति है। इस स्थिति को दूर करने के लिए जिला कलक्टर श्रुति भारद्वाज एवं पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में ड्राईवर्स एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बैठक कर विस्तार से चर्चा की। जिला कलक्टर श्रुति भारद्वाज ने कानून की बारीकियां बताते हुए कहा कि यह कानून सबकी सुरक्षा के लिए, यह कहीं भी ड्राईवर्स के खिलाफ नहीं है। जिला कलक्टर ने कहा कि इसमें सबकी सुरक्षा का प्रावधान है, ड्राईवर्स को सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करने से बचने चाहिए।
घटनास्थल से दूर जाकर पुलिस को दें सूचना
जिला कलेक्टर के अनुसार हादसे के बाद चालक को स्थानीय लोगों से जान का भी खतरा रहता है। ऐसे में चालक घटनास्थल से दूर जाकर पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दे सकता है। ड्राइवर्स की एक सूचना से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है । उन्होंने बताया कि हादसे के बाद चालक यदि इसकी सूचना पुलिस या मजिस्ट्रेट को दे देता है तो उसे न तो जेल जाना पड़ेगा और न ही जुर्माना देना पड़ेगा ।
समय पर हादसे की सूचना मिलें तो बचाई जा सकती हैं जान
वहीं एसपी अनिल बेनीवाल ने कहा कि भारत में लगभग 12 लाख लोग सालाना सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। यदि समय पर एक्सीडेंट की सूचना निकटवर्ती पुलिस स्टेशन, मजिस्ट्रेट या हॉस्पिटल में दे दी जाए तो घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। ड्राईवर अफवाहों पर भरोसा नहीं करें, इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर ड्राईवर्स के हितों पर कोई कुठाराघात होता हो। दोनों आला अधिकारियों ने यह आश्वस्त किया कि कानून का पूरा अध्ययन करने के बाद ड्राईवर्स स्वयं यह महसूस करेंगे कि यह कानून सभी के हित के लिए है। बैठक में उन्होंने पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की।
ड्राईवरों की शंकाओं को किया दूर
वहीं ड्राईवर्स एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, व्यापार मंडल, पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी जिला प्रशासन को आश्वस्त किया कि जिले में आमजन को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। दोनों अधिकारियों ने ड्राईवर्स के पक्ष को भी तसल्ली से सुना और आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन ड्राईवर्स के साथ है। बैठक में विधि वक्ताओं ने भी ड्राइवर्स की शंकाओं का समाधान किया।