नीमकाथाना: जिला अस्पताल में तीन गर्भवती महिलाओं की ब्लड चढ़ाने के दौरान तबीयत बिगड़ गई। तीनों को जयपुर के लिए रैफर किया गया, जहां बिहारीपुर की रहने वाली प्रसूता मैना (25) ने पहले मृत नवजात बच्ची को जन्म दिया, इसके बाद बाद महिला की भी मौत हो गई।
घटना की सूचना के बाद चिकित्सा विभाग में भी हड़कंप मच गया और चिकित्सा विभाग की टीम हरकत में आई। कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह और अस्पताल के पीएमओ डॉ. कमल सिंह शेखावत रविवार देर रात करीब 9 बजे ब्लड बैंक पहुंचे जहां उन्होंने सभी रिकॉर्ड की जांच कर रिकॉर्ड को सुरक्षित रखवाए और अग्रिम कार्रवाई को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया।
सीता ब्लड बैंक से जारी हुआ था ब्लड
जानकारी मुताबिक बिहारीपुर की रहने वाली मैना और दो महिलाएं मधु और गीता को प्रसव पीड़ा होने पर तीनों को शनिवार को नीमकाथाना जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्रसूता में ब्लड की कमी होने के कारण चिकित्सकों ने परिजनों को ब्लड की मांग की। जिस पर परिजनों ने शाहपुरा रोड स्थित सीता ब्लड बैंक से ब्लड लेकर आए और तीनों गर्भवती महिलाओं को ब्लड चढ़ाया गया। ब्लड चढ़ाने के कुछ समय बाद ही तीनों गर्भवती महिलाओं की तबीयत खराब हो गई। तीनों गर्भवती महिलाओं को शनिवार को ही जयपुर रैफर किया गया। जहां रविवार दोपहर को बिहारीपुर की रहने वाली मैना देवी ने दम तोड़ दिया। वहीं, बिना पोस्टमॉर्टम ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। दोनों गर्भवती महिलाओं का जयपुर में इलाज किया जा रहा है।
आंदोलन की चेतावनी
संवैधानिक मंच के संस्थापक गिगराज जोडली ने कहा कि गलत ब्लड देने के तीन मामले सामने आए हैं। जिसमें एक प्रसूता की मौत हो गई लेकिन अभी तक निजी ब्लड बैंक को प्रशासन ने सीज नहीं किया। अगर इस ब्लड बैंक पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।