नीमकाथाना: क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान गुढ़ा पब्लिक स्कूल ने भव्य स्तर पर अपना वार्षिकोत्सव मनाया, लेकिन यह आयोजन अव्यवस्थाओं और राजनीतिक चकाचौंध में उलझकर रह गया। कार्यक्रम में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन मूल व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, जिससे अभिभावकों में भारी आक्रोश देखने को मिला।
मुख्य अतिथि समय से पहले, नेता देर से पहुंचे
कार्यक्रम की शुरुआत से ही अव्यवस्थाओं ने रंग दिखाना शुरू कर दिया। मुख्य अतिथि तय समय से पहले पहुंच गए, जबकि राजनेताओं का देर तक आना-जाना लगा रहा। इस बीच स्कूल प्रशासन नेताओं की आवभगत में व्यस्त रहा, जिससे कार्यक्रम की समय-सारिणी गड़बड़ा गई।
अभिभावकों को बैठाया तेज धूप में, सुविधाओं का अभाव
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को कार्यक्रम देखने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उनके लिए उचित बैठने की व्यवस्था तक नहीं की गई। घंटों तक तेज धूप में बैठाए जाने से अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज अभिभावकों ने हंगामा मचाते हुए कहा—
"यहां कोई नेता के बच्चे नहीं पढ़ते, हमारे बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन नेताओं के पीछे-पीछे घूम रहा है। हमें तो पानी तक नहीं पूछा गया!"
नेताओं की चमक-धमक में खो गया बच्चों का सम्मान
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की उपलब्धियों को सम्मान देना था, लेकिन स्कूल प्रशासन का ध्यान पूरी तरह नेताओं और वीआईपी मेहमानों की सेवा-सत्कार में लगा रहा। इससे बच्चों और उनके माता-पिता को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा।
शिक्षा या राजनीति? सवालों के घेरे में स्कूल प्रबंधन
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया-क्या शिक्षा संस्थानों के ऐसे कार्यक्रम बच्चों और अभिभावकों के लिए होते हैं, या फिर यह सिर्फ राजनीतिक शोऑफ का मंच बन चुके हैं?
अभिभावकों ने दी चेतावनी
आक्रोशित अभिभावकों ने साफ कहा कि अगर भविष्य में इस तरह की लापरवाही हुई तो वे स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे।
इस कार्यक्रम ने जहां स्कूल की चमक-धमक को उजागर किया, वहीं अव्यवस्थाओं और नेताओं के हस्तक्षेप ने इसकी गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।